शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

नौ सो चूहे खाकर बिल्ली हज को चली

नौ सो चूहे खाकर बिल्ली हज को चली
शराब ठेकेदारों की अनुसंशा पर बटे कांग्रेस के टिकिट

यशवंत धोटे

दुर्ग 8 जनवरी । दृश्य -एक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा के गृहनगर दुर्ग के कांग्रेसियों का मन्दिररूपी कांग्रेस भवन। प्रसंग- नगरीय निकाय चुनाव मेंं टिकिट बाटने का उपक्रम। एक सज्जन अपने किसी समर्थक को टिकिट दिलाने कांग्रेस भवन उर्फ मन्दिर पहुंचे तो शहर जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष अरूण वोरा,पूर्व पार्षद प्रताप मध्यानी और अन्य दो तीन लोग बैठे थे। मध्यानी की कुर्सी के नीचे बिसलेरी की खाली बोतलों से भरी पोलीथीन का एक थैला पड़ा था। थैले पर नजर पड़ते ही टिकिट दिलाने पहुचे सज्जन ने जिज्ञासावस पूछ लिया कि कही ये खाली बोतले शराब की तो नही?े बस इतना कहना था कि मध्यानी ने मानों सिर पर आसमान उठा लिया हो। नही कांग्रेस भवन में ऐसा नही हो सकता। हालांकि अरूण वोरा ने भी कांग्रेस और शराब की प्रति संवेदनशीलता का परिचय देते हुए कहा कि यह कांग्रेस भवन हम कांंंंग्रेस वालों के लिए मन्दिर के समान हैं। अरूण ने तो यहा तक कह दिया कि गणीमत है कि हमारे नेता प्रदीप चौबे यहा नही है नही तो शराब का नाम सुनकर कांग्रेस भवन से उठकर चले जाते । दृश्य-2 जिस कांंग्रेस भवन में गांधी के नाम के सौदागरों द्वारा शराब शब्द को लेकर इतनी संवेदनशीलता बरती जा रही थी उसका दूसरा पक्ष देखना भी जरूरी हैं। कथित मन्दिर रूपी कांग्रेस भवन में बैठे इन लोगो ने कम से कम सात ऐसे पार्षद प्रत्याशी चुने जिनका काम श्रम बाहुल्य इलाकों में पाउच में शराब बेचने का हैं हालाकि इसमें से 6 चुनाव हार गये हैं। लंगूर सोनी नामक कांग्रेस के ऐसे कार्यकर्ता जिनका काम शराब के बड़े ठेकेदारों से पेटी कान्टेक्ट लेकर निचले इलाके में शराब सप्लाई करने का हैं.। उनकी पत्नी दूसरी बार भारी मत से पार्षद चुनी गई हैं। जिन लोगो ने इन सात पार्षद प्रत्याशियों की अनुसंशा की थी उनका काम भी शराब और शराब से जुड़े कुटीर उद्योंगों का हैं। मसलन चमकाना,धमकाना,उठवाना,पिटवाना, जेल भिजवाना, छुड़वाना समझौता करवाना और उसमें भी दलाली खाना। दरअसल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बड़े नेता राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार ने गांव गांव में शराब दुकाने खुलवाकर राज्य की ग्रामीण संस्कृति को चोट पहुचाई हैं। गंाधी दर्शन के पुरोधाओं को शायद नही मालूम कि सरकार की इस योजना का लाभ उनके लोग कितना उठा रहे हैं। यानि कांग्रेस उस कहावत को चरितार्थ कर रही है कि ,, नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली,, ।

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